Thursday 1 February 2018

Valentine’s Shayari



दिल की आवाज़ को इज़हार-ऐ-इश्क़ कहते हैं
झुकी निगाहों को इक़रार-ऐ-इश्क़ कहते हैं
सिर्फ ज़ुबान से कहना ही इज़हार-ऐ-मोहब्बत नहीं होता
दबे होंटों की मुस्कराहट को भी इक़रार-ऐ-इश्क़ कहते हैं


इश्क़ वही है जो हो एकतरफा हो
इज़हार-ऐ-इश्क़ तो ख्वाहिश बन जाती है
है अगर मोहब्बत तो आँखों में पढ़ लो
ज़ुबान से इज़हार तो नुमाइश बन जाती है

उन को चाहना मेरी मोहब्बत है
उन्हें कह न पाना मेरी मजबूरी है
वो खुद क्यों नही समझता मेरे दिल की बात को
क्या प्यार का इज़हार करना ज़रूरी है

दिल यह मेरा तुमसे प्यार करना चाहता हैं
अपनी मोहब्बत का इज़हार करना चाहता है
देखा हैं जब से तुम्हे ऐ मेरे हमदम
सिर्फ तुम्हारा ही दीदार करना चाहता है


दिल की आवाज़ को इज़हार कहते है
झुकी निगाह को इकरार कहते है
सिर्फ पाने का नाम मोहब्बत नहीं है यारो
कुछ खो कर पाने को भी प्यार कहते है


हर घडी तेरा दीदार किया करते हैं
हर ख्वाब में तुझसे इज़हार किया करते हैं
दीवाने हैं तेरे हम यह इक़रार करते हैं
जो हर वक़्त तुझसे मिलने की दुआ किया करते हैं

नहीं करता इज़हारे-ऐ-इश्क़ वो
पर रहता है मेरे करीब है वो
देखूँ उसकी आँखों में तो शर्मा जाता है वो
हाय मेरा यार भी कितना कमाल है

कहा था तुम से मेरा इंतज़ार करना
दुनिया चाहे जो कहे तुम ऐतबार न करना
दिन रात कट रहे हैं अब तो उसी के ख्यालो में
वो लम्हें , वो रातें ,उनको याद बार बार न करना
ज़िन्दगी तनहा ही सही , कट रही है अब तक
किसी ने कहा था , मोहब्बत का इज़हार न करना

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